
कुछ कांग्रेसियो ने बीजेपी को जीताने का ठेका ले रखा है, मणिशंक्कर अय्यर उनमे से एक है
सूरज एक बार पश्चिम से उदय हो जाए.चंद्रमा एक बार कृष्ण पक्ष में उदय हो जाए.राहुल गांधी आज कल राफेल के बजाय चाहें किसी और मुद्दे पर बात कर लें लेकिन मणिशंकर अय्यर कभी नहीं सुधर सकते.कहावत भी कही गई है की **** की पूंछ टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है चाहें उसे जितना सीधा कर लें.
बीते दिनों जब नीचकांड के बाद मणिशंकर की कांग्रेस में वापसी हुई तो लोगों ने कहा लगता है कांग्रेस ने 2019 में चुनाव में हारने की तैयारी शुरू कर दी है.मणिशंकर अय्यर ने उसके बाद हालांकि कोई खास विवादित बयान नहीं दिया,लेकिन जब पूरे देश में राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से गरम है तो फिर से एक बार अय्यर साहब के मुंह से दिव्य बोल फूटे हैं.कांग्रेस के लिए खैर मनाने वाली बात ये है की बीजेपी के पास सवर्णो को आरक्षण देने के बिल का भारी भरकम मुद्दा है सो वो अय्यर को अब तक छोड़े बैठी है.
अय्यर सहाब का कहना है की दशरथ के महल में 10 हजार कमरे थे ऐसे में भगवान राम कहां पैदा हुए थे ये जानना मुश्किल है.और फिर अब मंदिर कहां बनेगा ये कैसे पता लगेगा.महोदय अयोध्या में राम के जन्म की जगह पूछ रहे हैं लेकिन अगर इन सोनिया गांधी की जन्मस्थली के बारे में पूछा जाए तो शायद इटली की उस इमारत के कमरे से लेकर वो बेड तक का पता बता देंगे जिस पर सोनिया गांधी पैदा हुईं होगीं.यही बात राहुल गांधी के बारे में कही जा सकती है.
अय्यर समेत भारत के बुद्धिजीवी समाज के सामने हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है.वो कल्पना और वास्तविकता के गंभीर जाल में डूबे हुए हैं.कभी वो भगवान राम और कृष्ण को महज एक कवि या लेखक की कल्पना बताकर सस्ते में समेटने की कोशिश करते हैं तो कभी कमरों का पता पूछने टाइप सस्ता नशा लेने के बाद वाली टिप्पणी कर बैठते हैं.हालांकि जैसा की ऊपर कहा गया है की अय्यर या कांग्रेस पोषित ऐसे बुद्धिजीवियों से ज्यादा दिक्कत कांग्रेस को ही होती है.इन्हीं बयानों के चक्कर में 44 सीटों पर आ गए .पीएम को नीच बताने के बाद पार्टी से इन्हें निकाला भी लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों दोनों एक दूसरे का मोह भी छोड़ नहीं पा रहे.
अय्यर सहाब तो राम पर भी नहीं रूकते. वो देश के पार जाते हैं पाकिस्तान और बोलकर आते हैं की मोदी को हटाओ तभी शांति आएगी.अब बताइए उनके जैसे पढ़े लिखे आदमी को ये शोभा देता है क्या.दुनिया जानती है की पाकिस्तानी सेना सबसे बड़ा रोड़ा है फिर भी अय्यर अक्ल के अंधे होने का दिखावा करते हैं.
वैसे फूहड़ बयानबाजी के मामले में बीजेपी के नेता भी कुछ कम नहीं हैं.हनुमान जी पर योगी आदित्यनाथ के एक बय़ान के गलतफहमी से वायरल होने के बाद उन्होंने भी फूहड़ बयानबाजी में कोई कमी नहीं.हनुमान जी का जाति प्रमाणपत्र जारी करने की होड़ लगी थी.कुल मिलाकर मामला इधर भी गंभीर है लेकिन अय्यर मूर्खों की इस टोली के मुखिया पद के पर्याय बन चुके हैं इसलिए इनके बोलते ही भूचाल आ जाता है.
लोकसभा चुनाव का टाइम आ रहा है.अय्यर समेत तमाम फूहड़बयानवीर सक्रिय हो जाएंगे.मीडिया वाले भी जानबूझकर इनके पास जाएंगे और ये कुछ न कुछ उल्टा सीधा बोल देंगे.जैसा की लिखा हुआ है वही होगा भी भावनाएं जनता की आहत होगीं और फायदा किसी राजनीतिक दल को मिलेगा.लेकिन कुल मिलाकर अय्यर के बयान ने एक बार फिर से भगवान राम को भी अहसास करा दिया होगा की ये कलियुग है जहां अय्यर जैसे बुद्धिजीवी का तमगा पाए लोग उनके पैदा होने का कमरा पूछते फिर रहे हैं...
Post new comment