आज की धर्म, जाति की राजनीति में बापू होते तो खुद को कहां पाते!
जब महात्मा गांधी से देश की राजनीति में मची गंध के बारे में पूछा गया तो वो भावुक हो गए.देश में फैले तमाम मुद्दों पर बोलने लगे.उनका साक्षात्कार कर रहे पत्रकार के लिए सब कुछ समेटना मुश्किल था और पत्रकार भी आज के दौर का था तो उसने सीधा सवाल किया की- आज की धर्म और जाति की राजनीति में आप खुद को किस तरह से देखते हैं ?
जवाब सुनकर लगा की आज भी उनमें पुरानी धौंस है.नीचे उनका जवाब पढ़िए और देखिए उन्होंने अपनी एक उपलब्धि बताई है.
गांधी की उपलब्धि: